Monday 15 May 2017

प्रशासन जनता को हेल्मेट के नाम पर परेशान न करे

भारत देश में आज़ादी के बाद चंडीगढ़ शहर प्लानिंग के साथ बना था और दूसरी तरफ लुधियाना जालन्धर पटियाला अमृतसर आदि शहर  बिना प्लानिंग के बने है यहां  गली मुहल्लो में  पन्द्रह से बीस फुट चौड़ाई की सड़के बनी हुई है मुख्य सड़के भी आज के ट्रैफिक के हिसाब से ठीक नहीं है। 


पंजाब सरकार व  प्रशासन को चाहिए कि वे  शहर की जनता को हेल्मेट के नाम पर परेशान न करे लुधियाना शहर कोई चंडीगढ़ नहीं है यहाँ पर लोगो को भारत नगर चौक ट्रैफिक जाम में भी  हेल्मेट न पहनने पर चालान काट कर मौजूदा सरकार को बदनाम किया जा रहा है।  


मान लो एक व्यक्ति हेल्मेट पहन कर मोटर साईकल चला रहा है उसके पीछे बिना हेल्मेट के उसकी पांच साल की बेटी और पत्नी छह महीने का बच्चा अपनी गोद में लेकर बैठी है दुर्घटना होने पर छह महीने के बच्चे का क्या होगा जो सर पर हेल्मेट नहीं पहन सकता और गर्भपति महिला का दुर्घटना होने पर गर्भपात भी  हो सकता है और पेट में पल रहे बच्चे को कोई भी प्रॉब्लम हो सकती है इसलिए हेल्मेट दुर्घटना के बचाव का कोई हल नहीं है।


दूसरी तरफ बिना हेल्मेट वाला व्यक्ति दुर्घटना होने  पर किसी की जान नहीं लेता वह खुद जख्मी हो जाता है।  
लुधियाना में दुर्घटना के मुख्य कारण तेज रफ्तार, रेड लाइट जम्प, शराब पीकर गाड़ी चलाना व रांग पार्किंग आदि में पुलिस कोई सुधार नहीं कर पाई है उल्टा हेल्मेट के चालान काट काट कर आम जनता को मानसिक तौर पर  परेशान जरूर किया जा रहा है।  
पंजाब सरकार को लुधियाना में जानलेवा दुर्घटनाओं को सबसे पहले रोकना होगा इसके लिए पुलिस व प्रशासन जब तक शहर में स्पीड लिमिट कंट्रोल नहीं करता तब तक दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं होगी।  इसलिए बेहतर है पुलिस हेल्मेट के चालान काटने की बजाय वाहनों की स्पीड लिमिट कंट्रोल करे जो दुर्घटनाओ की मुख्य कारण है।    

आर टी आई एंड ह्यूमन राइट ऐक्टिविस्ट श्रीपाल शर्मा एडवोकेट
9417455666
www.rtihumanright.com
www.rtiludhiana.com

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