Wednesday 3 January 2018

स्वामी विवेका नन्द जी की बात आज तक लोगो को समझ नहीं आई है

स्वामी विवेका नन्द ने कहा था किसी गरीब को एक दो बार मुफ्त खाना खिलाकर हम उसकी गरीबी दूर नहीं कर सकते इसलिए गरीब को यदि हमे कुछ देना है तो उसे इस काबल बनाओ की वह जिन्दगी भर खुद कमा कर खाये। 

आजकल लोग सस्ती शोहरत पाने के लिए (पैसे लेकर खबर छापने वाले अखबारों में अपनी फोटो छपवा कर) गरीबो को खाना व पुराने कपड़े बाँट कर उनकी गरीबी दूर कर रहे है या गरीबो को और निक्कमा व आलसी बना रहे है कि वे कमाकर न खाये।
अमीर लोग धार्मिक कीर्तन व जागरण करके खाने पीने पर लाखो रूपए खर्च कर देते है लेकिन यह लोग अपने किसी नोकर, रिश्तेदार या पड़ोस में बीमार पड़े किसी जरूरतमन्द की कभी मदद नहीं करते।
क्या हमारा धर्म यही सिखाता है क्या हमारे लोगो में इन्शानियत खत्म हो चुकी है
हो सकता है आज आप अमीर है और कल को आप भी गरीब हो सकते है क्योकि समय बहूत बलवान है।

आज हमारे देश के लोग भी इतने स्वार्थी कमजोर आलसी और कामचोर हो चुके है कि अपने हक़ की लिए लड़ने की बजाय मुफ्त के माल पर जीने की सोच रहे है।
तभी तो हमारे देश के भृष्ट बईमान हरामखोर नेता भी भारत देश के लोगो की नब्ज पहचान चुके है कि गरीब लोगो को काम करके कमाने के काबिल न बनाओ और चुनावो में लैप टॉप, टी वी और साइकल बांटकर इनसे वोट लो। 
 
तभी तो सरकार सस्ता राशन मुफ्त उज्जबल गैस सिलेण्डर आदि देकर गरीब को और गरीब, कामचोर और निक्कमा बना रही है।
दोस्तों ! हमारे लोगो में सोचने की शक्ति देश की भृष्ट राजनीति ने खत्म कर दी है।
जो सरकार मुफ्त बिजली पानी राशन आदि जनता को देने का वायदा करती है ऐसी सरकार राजनीति पार्टी व नेता लोग कभी भी देश का कल्याण और समाज का भला नहीं करेगे।
आखिर में दो शब्द ।

150 वर्ष बीत गए अभी तक किसी को स्वामी विवेका नन्द की बात समझ नहीं आई है।
मोदी साहेब ! आप की डिजिटल कैशलेस वाली बात मेरे देश के प्यारे भाइयो और बहनो को कहा से समझ में आएगी।
भारत में आज भी लोग हेराफेरी बेईमानी से रुपया कमाकर धनवान बन रहे यह रुपया देश की जनता से गद्दारी करके और गरीबो के पेट पर लात मार कर ही  धनवानों द्वारा कमाया जा रहा। जिस देश में हर कोई नागरिक अपने स्वार्थ व लोभ के लिए एक दुसरे को लूटने के लिए बैठा हो उस देश का भविष्य कभी भी उज्जवल नहीं होगा। 
श्रीपाल शर्मा एक्टिविस्ट
09417455666

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