न्याय क्या है ? जरा सोचो ! लगता है आज तक भारत में न्याय की परिभाषा ही पढ़े लिखे ज्ञानियों को मालूम नहीं है।
इस धरती पर सभी लोगो को जीने का हक़ है और हर देश में हर सरकार ने लोगो को जीने के अधिकार दिए है और दूसरो के प्रति उनका क्या कर्तव्य है बस यही कानून है जीओ और जीने दो।
जब से सरकार पुलिस और वकीलों का अंग्रेजी स्टाइल से इस क्षेत्र में दखलअंदाज़ी बड़ी है लोगो को न्याय मिलने में वर्षो का समय लगने लगा है और कुछ लोग तो न्याय पाए बिना ही इस धरती व दुनिया को छोड़ कर चलते बने है।
पहले समय में गाँव की चौपाल पर या पीपल के पेड़ के नीचे कुछ बजुर्ग व स्याने लोग बैठ कर ही चार छह भाइयो की प्रॉपर्टी का बँटबारा सुलह सम्मति से कर दिया करते थे।
समय बदला अंग्रेज चले गए फिर एक नया कानून या सिस्टम आज़ाद भारत में आया।
अब इन चार छह भाइयो की प्रॉपर्टी का बँटबारा करना बहुत मुश्किल हो गया इसलिए सच को झूठ और झूठ को सच करना सब कुछ अब पैसे के हाथ है यहाँ पर ईमानदारी, इन्शानियत, भाईचारा व देश प्रेम लोगो के दिमाग से निकल चुका है यही कारण है कि आज कल के वकील और न्यायप्रणाली इसे इतना उलझा देते है कि एक ढाई बीघे के खेत को भाइयो में बांटने के लिए वर्षो लग जाते है।
चीन हमारे देश की सीमा के अन्दर घुस रहा है सब कुछ सेटललाइट और ऑटोमैटिक तकनीक से चीनी सैनिक भारतीय फ़ौज पर कार्रवाई कर रहे है।
इस ढाई बीघे के खेत को भाइयो की औलाद भी आज तक नहीं बाँट पाई। क्या हमारे देश की गलत न्याय प्रणाली और वकीलों की दखलअंदाजी इसका मुख्य कारण है या कोई और कारण इसकी वजह है। इस पर हमे विचार करना चाहिए क्योकि यह देश भी हमारा है
और इस देश के लोग भी हमारे है।
और इस देश के लोग भी हमारे है।
Shri Paul Sharma
RTI & Human Rights Activist
Human Rights Action Media
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