Friday, 21 April 2017

भारत देश का आम नागरिक आज भी गुलाम है

पुलिस कमीश्नर के दफ्तर के बाहर जब पांच छः गनमैन एकदम भागे तो मुझे यह सब देख कर हैरानी हुई कि क्या हुआ तभी एक सिविल ड्रेस में जेंटलमैन गाड़ी में से निकला और पुलिस सुरक्षा में वह शायद आई पी एस पुलिस अफसर होगा अपने दफ्तर की और चला गया। 
जब हम गुलाम थे तब अंग्रेज पुलिस हुक्मरान भी ऐसे ही ठाठ से रहते थे, चलते थे और जनता पर राज करते थे भगत सिंह राजगुरु चंद्र शेखर आज़ाद आदि वीरो ने अंग्रेज पुलिस की मनमानी रोकने के लिए उस समय अपनी कुर्बानी दी थी। 
बड़े अफ़सोस की बात है अंग्रेज चले गए पर भारत की जनता पर गुलामो जैसा वर्ताव करने वाला काला कानून भारत में ही छोड़ गए और आज भी सरकार और  पुलिस 1887 वाले अंग्रेजो के कानून द्वारा ही जनता पर कार्रवाई कर रही है। 


देश के नागरिक आज भी अंग्रेजो द्वारा बनाये गए कानून में अपनी आज़ादी  ढूंढ रहे है कही आज़ाद भारत देश के आम नागरिक को पुलिस से इन्साफ मिल जाए। 
यदि सचमुच भारत आज़ाद हो चुका है तो पुलिस अफसर  और नेताओ के आगे पीछे दौड़ने व सैल्यूट मारने वाली पुलिस प्रथा बंद होनी चाहिए देश में हर नागरिक का समान अधिकार है यदि आज़ाद भारत देश में कोई नेता या पुलिस अफसर अपने आप को वी आई पी समझता है तो यह भारतीय सविधान के विपरीत है।  आज़ादी से पहले अंग्रेज वी आई पी थे और आज नेता व पुलिस अफसर वी आई पी है। फिर आज़ादी कहां है ?
इसका मतलब यह हुआ कि भारत देश का आम नागरिक आज भी गुलाम है। 
और इस गुलामी से कब आज़ादी मिलेगी ?
कब तक हम काले अंग्रेजो व पुलिस को सैल्यूट मारते रहो गे 
आज़ाद होने के बाद भी उनकी गुलामी में जीते रहोगे। 
                                                    ज़रा सोचो!      दोस्तों !
आज भी हम देश के वी आई पी लोगो के गुलाम है इसलिए इन देश के वी आई पी गद्दारो से निपटने के लिए भगत सिंह, राजगुरु, चंद्र शेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारिओं की  आज भी जरूरत है। जब तक वी आई पी कल्चर देश से खत्म नहीं होता तब तक हम आज़ाद नहीं कहला सकते। 
श्रीपाल शर्मा एडवोकेट 
RTI & Human Rights Activist 
09417455666 
www.rtihumanright.com www.rtiludhiana.com 
http://rtihumanrights.blogspot.in/

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