Tuesday 9 January 2018

महिला सशक्तिकरण तभी होगा जब महिलाये पुरुषो की अंगुली पकड़कर नहीं बल्कि खुद मंजिल की तलाश में निकलेगी

भारत में सदियों से घरो में बंद व परदे में रहने वाली महिलाओं को अब घरो  की चारदिवारी से बाहर आकर पुरुष प्रधान समाज में अपने अधिकारों की  प्राप्ति के लिए एक बहुत बड़ा संघर्ष करना होगा यह तभी सम्भव होगा जब वे पुरुषो की अंगुली पकड़कर नहीं बल्कि खुद अपने रास्ते और मंजिल की तलाश करें। 

एन जी ओ बेलन ब्रिगेड ने महिलाओं के अधिकारों हेतू समाज में एक आन्दोलन की शुरूआत की है जिसके तहत नारी तूँ अबला नहीं झाँसी की रानी है तुझे अब देश को भ्रस्टाचार, भाई- भतीजाबाद, चोरबाज़ारी व बेईमान नेताओ के चगुल से आज़ाद कराना है।
लुधियाना के  नगर निगम चुनावों में सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग पार्षद  की सीट पाने के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं चाहे यह दावेदार समाज हित के लिए कुछ कर  कता है या नहीं। 

लुधियाना में इस बार 50 प्रतिशत सीटें नगर निगम में महिलाओं के लिए रिजर्व हो चुकी है और सभी वार्डों में जो मर्द चुनाव लड़ने के इच्छुक थे उनके वार्ड महिलाओं के नाम रिजर्व हो चुके हैं। और अब यह मर्द अपनी अपनी पत्नियों को कन्धों पर बिठाकर टिकट लेने के लिए घूम रहें हैं। अधिकतर महिलाऐं घर में खाना बनाने व घर गृहस्थी का काम ही करती है और इन घरेलू महिलाओं को उनके घर वाले अपनी पहुँच से टिकट दिलवा देते हैं और ऐसी महिलाऐं जो चुनाव जीतने के बाद भी घरेलू ही रहती हैं और उनके पति परमेश्वर ही सारा पार्षद का काम खुद करते हैं जिन्हे पति पार्षद के नाम से पुकारा जाना लगा है। 

बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने  जनता से अपील की है कि वोटर केवल उन्ही महिलाओं को वोट दे जो पहले ही समाज में निष्काम, निःस्वार्थ  काम कर रही हैं चाहे वो किसी भी पार्टी में हो या किसी राजनैतिक पार्टी में न भी हो सिर्फ यह ध्यान रखे कि क्या वो समाज भलाई के काम करने अग्रसर हो । और जो महिलाऐं नगर निगम चुनावों में अपनी पति के कन्धों पर बैठ कर वोट मांगने आएंगी उन्हें जनता वोट न दे क्योकि यह लोग सत्ता के भूखे हैं। इन्हे समाज सेवा या लोगों की भलाई से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने तो चुनावों में अपनी बीबी को जीताकर कुर्सी पर बिठा कर पार्षद पति ही बनंना है वार्ड के 
समाज के काम हो या न हो। 

नगर निगम चुनावों में टिकट उन्ही महिलाओं को दिया जाए जो पहले ही समाज में जनता की भलाई के लिए कार्य कर रही हैं। वास्तव में यही महिला सशक्तिकरण होगा जब महिलाये खुद पुरुष प्रधान समाज में आगे आकर अपने हक़ व समाज के जरूरतमंद लोगो के दुख तकलीफो लिए के लिए लड़ेगी। 
अब समय आ गया है महिलाये अपने अधिकारों को पाने के  लिए घरो से बाहर आकर अपनी लड़ाई आप लड़े।  
श्रीपाल शर्मा 
आर टी आई ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट 
09417455666 

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